श्रीलंका कब आजाद हुआ ? – Sri Lanka Kab Azad Hua

Sri Lanka Kab Azad Hua :- अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में विभिन्न देशों की आजादी से संबंधित कई तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं। जैसे भारत की आजादी कब हुई थी।

लेकिन अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में यह भी प्रश्न देखने को मिलता है कि sri lanka kab azad hua? ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जिन्हें श्रीलंका की आजादी के बारे में जानकारी है।

इसलिए अधिकतर छात्रों का यह प्रश्न होता है, कि sri lanka kab azad hua? छात्र श्रीलंका के इतिहास और इसके लोकतंत्र के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, ताकि वह इससे संबंधित प्रतियोगी परीक्षाओं में सही ढंग से उत्तर लिख सके।

तो आइये लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, की श्री लंका का इतिहास क्या है।


श्रीलंका कब आज़ाद हुआ ? – Sri Lanka kab azad hua

श्रीलंका, हिंद महासागर में स्थित एक खूबसूरत द्वीप देश है, जो अपनी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक विरासत और आकर्षक समुद्र तटों के लिए जाना जाता है।

श्रीलंका 4 फरवरी, 1948 को ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर स्वतंत्र हुआ। इस दिन को श्रीलंका में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता की मांग 19वीं सदी के अंत में शुरू हुई थी। श्रीलंका के शिक्षित वर्ग ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता की मांग की। इस आंदोलन का नेतृत्व डॉन एस.डब्ल्यू.आर.डी.एस.बन्ढारणायके, जूलियस रिचर्ड जयवर्धने और श्रीमती एस.एम.बन्ढारणायके जैसे नेताओं ने किया।

श्रीलंका के स्वतंत्रता संग्राम में कई तरह के उतार-चढ़ाव आए, लेकिन अंततः 4 फरवरी, 1948 को श्रीलंका को ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर अपनी स्वतंत्रता प्राप्त हुई।


श्रीलंका का इतिहास

श्रीलंका का इतिहास काफी पुराना है। आइये हम इसके आज़ादी के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करते है।

  1. ब्रिटिश शासन के अधीन श्रीलंका

श्रीलंका पर ब्रिटिश शासन की शुरुआत 1815 में हुई थी, जब ब्रिटिश सेना ने अंतिम सिंहली राजा को हराकर द्वीप पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। ब्रिटिश शासन के दौरान श्रीलंका में कई तरह के बदलाव आए, जिनमें शिक्षा प्रणाली, बुनियादी ढांचा और कृषि क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।

हालांकि, ब्रिटिश शासन के दौरान श्रीलंका के लोगों को भी कई तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ा, जैसे कि नस्ली भेदभाव, श्रम शोषण और आर्थिक असमानता।

  1. स्वतंत्रता की मांग का उदय

ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता की मांग 19वीं सदी के अंत में शुरू हुई थी। श्रीलंका के शिक्षित वर्ग ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता की मांग की।

इस आंदोलन का नेतृत्व डॉन एस.डब्ल्यू.आर.डी.एस.बन्ढारणायके, जूलियस रिचर्ड जयवर्धने और श्रीमती एस.एम.बन्ढारणायके जैसे नेताओं ने किया।

  1. स्वतंत्रता की प्राप्ति

श्रीलंका के स्वतंत्रता संग्राम में कई तरह के उतार-चढ़ाव आए, लेकिन अंततः 4 फरवरी, 1948 को श्रीलंका को ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर अपनी स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस दिन को श्रीलंका में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  1. स्वतंत्रता के बाद का श्रीलंका

श्रीलंका को स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों में से सबसे बड़ी चुनौती थी श्रीलंका के दो प्रमुख समुदायों, सिंहली और तमिलों, के बीच भाषा और जातीय विवाद। इस विवाद ने श्रीलंका में कई वर्षों तक गृहयुद्ध को जन्म दिया।

दूसरी चुनौती थी श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की समस्याएं। स्वतंत्रता के बाद, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में कई समस्याएं आईं, जैसे कि बेरोजगारी, गरीबी और भ्रष्टाचार।

तीसरी चुनौती थी श्रीलंका की सुरक्षा की समस्याएं। स्वतंत्रता के बाद, श्रीलंका में आतंकवाद का खतरा बढ़ गया। कई आतंकवादी संगठनों ने श्रीलंका में कई हमले किए, जिसमें कई लोगों की जान चली गई।

स्वतंत्रता के बाद श्रीलंका ने कई तरह के विकास भी किए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। श्रीलंका का पर्यटन उद्योग भी काफी फल-फूल रहा है।

हालांकि, श्रीलंका को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है, जैसे कि गृहयुद्ध और आतंकवाद।


श्रीलंका की राजधानी क्या है ?

श्रीलंका की राजधानी दो शहरों को माना जाता है। एक है श्रीजयवर्धनेपुरा कोटे, जो देश की प्रशासनिक राजधानी है। दूसरा है कोलंबो, जो देश की वाणिज्यिक राजधानी है।

श्रीजयवर्धनेपुरा कोटे श्रीलंका के मध्य में स्थित एक छोटा सा शहर है। इसे 1978 में श्रीलंका की प्रशासनिक राजधानी बनाया गया था। इस शहर में श्रीलंका की संसद, राष्ट्रपति भवन, और अन्य सरकारी कार्यालय स्थित हैं।

कोलंबो श्रीलंका का सबसे बड़ा शहर है। यह देश के दक्षिणी तट पर स्थित है। यह शहर श्रीलंका की आर्थिक और सांस्कृतिक राजधानी भी है। कोलंबो में श्रीलंका का सबसे बड़ा बंदरगाह, सबसे बड़ा विमानक्षेत्र, और सबसे बड़ा विश्वविद्यालय स्थित हैं।

इन दोनों शहरों का ही इतिहास में राजनीतिक और वाणिज्यिक महत्त्व रहा है। श्रीजयवर्धनेपुरा कोटे प्राचीन काल में सिंहली राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। कोलंबो को 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों ने बसाया था। और तब से यह शहर श्रीलंका का प्रमुख व्यापारिक केंद्र रहा है।

श्रीलंका सरकार ने इन दोनों शहरों को राजधानी बनाने का निर्णय इसलिए लिया ताकि देश के दोनों हिस्सों को समान रूप से प्रतिनिधित्व मिल सके।


श्रीलंका की स्वतंत्रता के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • श्रीलंका को ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले उसे 133 साल तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहना पड़ा था।
  • श्रीलंका का पहला प्रधानमंत्री डॉन एस.डब्ल्यू.आर.डी.एस.बन्ढारणायके था।
  • श्रीलंका की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती एस.एम.बन्ढारणायके थी।
  • श्रीलंका में राष्ट्रीय दिवस 4 फरवरी को मनाया जाता है।
  • श्रीलंका की राजधानी कोलंबो और श्रीजयावर्धनपुरा कोटे है।
  • श्रीलंका की आधिकारिक भाषा सिंहली और तमिल है।
  • श्रीलंका की मुद्रा श्रीलंकाई रुपया है।

FAQ’s :-

Q1. श्रीलंका का पुराना नाम क्या है ?

Ans- श्रीलंका का पुराना नाम सालों था। बाद में इसे बदलकर लंका किया गया और 1978 में इसके 
नाम के आगे “श्री” लगा दिया गया जिससे कि इस देश को भी सम्मान मिल सके।

Q2. श्रीलंका में लोकतंत्र की स्थापना कब हुई ?

Ans- श्रीलंका में लोकतंत्र की स्थापना 4 फरवरी 1948 को हुई थी।

Q3. श्रीलंका भारत से अलग कैसे हुआ ?

Ans- दरअसल श्रीलंका भारत का हिस्सा नहीं है, यह एक द्वीप देश है जो की हिंद महासागर में 
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।

Q4. श्रीलंका की राजधानी क्या है ?

Ans- श्रीलंका की राजधानी कोलंबो और श्री जयवर्धने पूरा कुत्ते है।

निष्कर्ष :-

आज के इस लेख में हमने जाना कि sri lanka kab azad hua ? उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको श्रीलंका के इतिहास और इसके आजादी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियां मिल पाई होगी।

यदि आप श्रीलंका देश से संबंधित कोई अन्य जानकारी पाना चाहते है। तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपके लिए ये लेख जानकारी पूर्ण रहा हो तो इसे अन्य दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।

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