Karo ya maro ka nara kisne diya tha :- भारत को आजाद करने में बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान रहा है। उन्होंने भारतीय जनता को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी प्राप्त करने के लिए व उन्हें प्रेरित करने के लिए कई नारे दिए हैं।
जिस ने जनता में आजाद होने के लिए जोश भरा है और भारत ने आजादी भी पाई है। ऐसा ही एक नारा करो या मरो भी है। क्या आप जानते हैं कि किस स्वतंत्रता सेनानी ने Karo ya maro ka nara kisne diya tha ?
यदि आप भारत से जुड़े इतिहास में रुचि रखते हैं और यह जानना चाहते हैं कि Karo ya maro ka nara kisne diya tha तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि करो या मरो का नारा किसने दिया था।
करो या मरो का नारा किसने दिया था ? ( Karo ya maro ka nara kisne diya tha )
करो या मरो का नारा “महात्मा गांधी” जी ने दिया था। वह करो या मरो के नारे से भारत की आम जनता को एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए प्रेरित करना चाहते थे।
करो या मरो नारा देने का उद्देश्य
महात्मा गांधी जी के द्वारा इस नारे को देने का उद्देश्य था कि आम जनता स्वतंत्रता संग्राम में भागीदार बन सके। वे इस नारे से जनता के साहस और वीरता को प्रोत्साहित कर सके ताकि जनता देश को आजाद करने के लिए अपना सक्रिय योगदान दे।
गांधी जी ने इस नारे के माध्यम से भारतीय जनता को अनशन आंदोलन, सत्याग्रह आंदोलन और भी कई अभियानों में सक्रिय रूप से भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया। गांधी जी ने इस नारे के माध्यम से भारत की जनता को विश्वास, समर्थ और आत्मनिर्भर होने का अनुभव करवाया और एकजुट होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
करो या मरो नारे का जनता पर प्रभाव
गांधी जी के इस नारे ने भारतीय जनता का दिल जीत लिया और उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया। इसके माध्यम से लोगों में उत्साह बड़ा और उन्होंने देश को आजाद दिलाने की लड़ाई में बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस नारे ने लोगों को देश के लिए प्राण की आहुति देने के लिए प्रेरित किया जिसमें लोग अपनी वीरता और बलिदान के देने से बिल्कुल भी नहीं चुके।
महात्मा गांधी कौन थे ?
महात्मा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक प्रमुख नेता और अहिंसा तथा धर्मनिरपेक्षता के प्रचारक थे। इन्हें राष्ट्रपिता के नाम में से जाना जाता है।
इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात में हुआ था। गांधी जी की अहिंसा और सत्य के लिए गहरी निष्ठा थी और स्वतंत्रता संग्राम में भी वह हिंसा का मार्ग नहीं बल्कि अहिंसा का मार्ग अपनाकर देश को स्वतंत्र करवाना चाहते थे।
गांधी जी का स्वदेशी और सत्याग्रह महत्वपूर्ण सिद्धांत थे। वह लोगों को अपने देश में बनी वस्तुओं को खरीदने के लिए कहते थे और सत्याग्रह से उनका मतलब था कि सत्य के लिए अधिकार की लड़ाई। यह गांधी जी के प्रेरणा देने वाले नियम है जो हमारे आज भी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।
महात्मा गांधी जी के कुछ कार्य क्षेत्र और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं
महात्मा गांधी जी के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम की बहुत सारी महत्वपूर्ण घटनाओं मे बड़ा योगदान रहा है जैसे कि खिलाफत आंदोलन, सॉल्ट सत्याग्रह, दांडी मार्च, बारडोली सत्याग्रह, चंपारण आंदोलन इत्यादि।
उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए बहुत सारे आंदोलन किए थे। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। वह अहिंसा के मार्ग पर चलते थे।
गांधी जी द्वारा दिए गए अन्य नारे
- करो या मरो
- सत्यमेव जयते
- अहिंसा परमो धर्म
- हरिजन सेवा
- स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
महात्मा गांधी जी के द्वारा यह नारे दिए गए थे जिन्होंने भारत की जनता को जोश से भर दिया और स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।
निष्कर्ष :-
दोस्तों, आज के इस लेख में आपने जाना कि Karo ya maro ka nara kisne diya tha. करो या मरो के अलावा भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत सारी नारे दिए हैं।
यदि आप उनमें से भी किसी के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं। हम आपके द्वारा सुझाए गए विषय पर जल्दी से जल्दी लेख प्रस्तुत करेंगे।
इस लेख में दिए जानकारी आपको पसंद आई है तो इस लेख को शेयर करके अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाइए। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है या आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो उसके लिए भी नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।
FAQ’s :-
Q1. करो या मरो का नारा किसने दिया था ?
Ans. महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया था।
Q2. करो या मरो का नारा कब दिया गया ?
Ans. 8 अगस्त 1942 को करो या मरो का नारा दिया गया।
Q3. महात्मा गांधी जी ने कौन सा नारा दिया था ?
Ans. महात्मा गांधी जी ने बहुत सारे नारे दिए थे जिनमें से "करो या मरो" और "भारत छोड़ो" प्रमुख था।
Also Read :-